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✍ जानिये शाक्य शब्द की उत्पत्ति का रहस्य जो अब तक आप नहीं जानते...

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'शाकवृक्षप्रतिच्छन्नं वासं यस्माच्च चक्रिरे, तस्मादिक्ष्वाकुवंशास्तेभुवि शाक्या इति स्मृताः। 'साक' या सागौन के वृक्षों के आधिक्य के कारण यहां रहने वाले लोग साक्य कहलाये। सागौन या (सागवन) से हि साक्य (शाक्य) शब्द कि उत्पत्ति हुई होगी। साक के पेड़ के बहुतायत के कारण यहाँ रहने वाले लोग साक्य कहलाय। साकिया शब्द का उल्लेख सम्राट अशोक के शिलालेख में भी मिलता है जिसमें उन्होनें खुद को साक्य कुल का बताया है। साक- साक्य (शाक्य) ये प्रदेश साक के पेड़ो के बाहुल्यता के कारण शाक्य गणराज्य कहलाया। या यूं कह ले साक वन में रहने वाले लोग साक्य कहलाये और साक वन का पूरा क्षेत्र साक्य गणराज्य कहलाया।  नेपाल में और नेपाल से सटे उत्तर भारत में आज भी इन पेड़ों कि बाहुल्यता पाई जाती है। नेपाल में साक वन अभी भी है जिसे नेपाल कि ठेठ भाषा में सकुवा वन कहते है। इस तरह ये प्रदेश शाक्य गणराज्य के नाम से जाना जाने लगा। जब शाक्यो का विस्तार हुआ तो इन्होंने एक राजधानी कि स्थापना कि जिसका नाम कपिलवस्तु रखा। और आगे चल कर ये वंश दुनियां का सबसे महान वंश कहलाया। इस वंश कि दूसरी शाखा मौर्य वंश ने बाद में व...

चन्द्रगुप्त मौर्य और सिकन्दर के बीच युद्ध

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चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई. पु.पिप्पलिवन के प्रसिद्ध मोरिय कुल में हुआ था जो शाक्यों की हि एक शाखा थी|  ये बात सम्राट अशोक महान के शिला लेख से भी प्रमाणित होती है| चन्द्रगुप...

इस्लाम धर्म पर बौद्ध धर्म कि छाप

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इस्लाम धर्म पर बौध्द धर्म कि छाप पुरात्व सर्वेक्षण से पता चलता है कि मक्का मदीना में भी कभी बौध्द धर्म था। बौध्द धर्म का उदय ईसा से 563 वर्ष पुर्व हुआ था। सम्राट अशोक मौर्य ने 273 से 232 ईसा पुर्व विश्व में शांति स्थापित करने के उद्देशय से बौध्द धर्म को विश्व में फैलाया था। अशोक के लेख- गीक, अरमाईक, पाली और अरबीक भाषा में पाय जाते हैं। और इस्लाम का उदय 1200 साल बाद सातवीं शताब्दी में मक्का- मदीना में हुआ। (1)– कुरान के 95 वीं सुरह तीन में ( जुलकिफ्त ) नामक शब्द जो कि अरबीक भाषा का है जिसका हिन्दी अर्थ जुलकिफ्त- कपिलवस्तु वाला य़ा कपिलवस्तु मे जन्म लेने वाला है। (2)– बुध्द को अरहत कहा जाता है। अरहत का अरबीक भाषा मे अर्थ है। अरहत- अल्लाह। (3)- बुध्द से बना बुत। (4)- यदि बौध्द मठों से बुध्द कि मुर्तीयों को हटा दिया जाये तो वो मस्जिद का रुप ले लेती है। बौध्द मठों के गुम्बद और इस्लाम कि मस्जिद के गुम्बद एक हि तरह के होते हैं। (5)- बुध्द वंदना लाइन में खड़ी होकर कि जाती है वो बनी नमाज पढ़ने कि तहजीब। (6)- बौध्द धर्म के प्रचार काल में अरब देश को ( वनायु ) के नाम से जाना जाता है। जिस...